कभी-कभी एक राजा की ताकत उसके हाथों में नहीं, बल्कि उसके आसपास खड़े सही लोगों में होती है। मंडल सही हो, तो राजा रथ की तरह आगे बढ़ता है। मंडल गड़बड़ हो, तो वही रथ टूटकर बिखर जाता है।
विषय-सूची
- परिचय
- श्लोक, शब्दार्थ और भावार्थ
- ‘मण्डल’ क्या है
- नेतृत्व और सही सहयोगी
- शुद्ध मंडल क्यों जरूरी है
- अशुद्ध मंडल के खतरे
- आधुनिक संदर्भ
- सीख क्या मिलती है
- निष्कर्ष
- प्रश्नोत्तर
- पाठकों के लिए सुझाव
- संदर्भ
परिचय
कमंदकीय नीतिसार भारतीय राजनीतिक साहित्य का एक ऐसा ग्रंथ है जो नेतृत्व को सरल तरीकों से समझाता है। यह युद्ध या कूटनीति से आगे बढ़कर बताता है कि राजा का सबसे बड़ा सहारा उसका “मण्डल” है। नेता चाहे कितना भी मजबूत क्यों न हो, वह अकेले निर्णय नहीं लेता। उसके साथ कौन खड़ा है, यही उसका भविष्य तय करता है।
श्लोक, शब्दार्थ और भावार्थ
श्लोक
रथी विराजते राजा विशुद्धे मण्डले चरन् ।
अशुद्धे मण्डले सर्पन् शीर्यते रथचक्रवत् ॥
(कमन्दकीय नीतिसार 8/02)
शब्दार्थ
- रथी - रथ पर बैठा योद्धा
- विराजते - शोभा पाता है
- विशुद्धे मण्डले - शुद्ध, योग्य, ईमानदार सहयोगियों में
- चरन् - चलते हुए / काम करते हुए
- अशुद्धे मण्डले - गलत, भ्रष्ट, अनैतिक सहयोगियों में
- सर्पन् - भटकते हुए
- शीर्यते - टूट जाता है
- रथचक्रवत् - रथ के पहिये की तरह
भावार्थ
राजा तब ही चमकता है जब उसका मंडल शुद्ध, ईमानदार और सक्षम हो। लेकिन यदि सहयोगी गलत हों, तो राजा रथ के टूटे पहिये की तरह गिर जाता है। नेतृत्व के लिए सही टीम ही सबसे बड़ी शक्ति है।
‘मण्डल’ क्या है?
- मंत्री
- सचिव
- सलाहकार
- सैन्य अधिकारी
- संदेशवाहक
- मित्र राज्य
- सहयोगी वर्ग
नेतृत्व और सही सहयोगी
- सही सलाह दें
- छिपी हुई गलतियों को सामने लाएँ
- राज्यहित को सबसे ऊपर रखें
- निजी लाभ के लिए निर्णय को न बिगाड़ें
शुद्ध मंडल क्यों जरूरी है
- ईमानदार लोग
- योग्य सलाह
- सही जानकारी
- विश्वास
- पारदर्शिता
अशुद्ध मंडल के खतरे
- चापलूस
- धोखेबाज
- भ्रम फैलाने वाले
- अवसरवादी
- गुटबाज
आधुनिक संदर्भ
- CEO, संस्थापक, प्रधानाचार्य, प्रशासक, राजनेता, टीम लीडर
- स्टाफ, सलाहकार, सहकर्मी, समिति, बोर्ड
सीख क्या मिलती है
- नेतृत्व की सबसे बड़ी ताकत उसकी टीम है।
- गलत लोगों से घिरा नेता कमजोर पड़ जाता है।
- सक्षम और ईमानदार सहयोगी ही राज्य और संगठन दोनों को बचाते हैं।
- निर्णय वही सही होते हैं जो सही सलाह पर आधारित हों।
Read our previous post Safe and Prudent Decisions: Kamandak's Advisory Strategy to understand.
निष्कर्ष
कमंदकीय नीतिसार बताता है कि नेतृत्व की नींव “मंडल” है। जब टीम शुद्ध और सक्षम होती है, तो राजा रथ पर बैठे योद्धा की तरह चमकता है। लेकिन जब टीम अशुद्ध होती है, नेता टूटे पहिये की तरह रास्ते में बिखर जाता है।
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प्रश्नोत्तर
प्र. क्या इस श्लोक का अर्थ है कि राजा अपनी टीम पर भरोसा न करे?
उत्तर: नहीं। भरोसा हो, लेकिन गलत लोगों पर नहीं।
प्र. क्या आधुनिक संगठन में यह लागू होता है?
उत्तर: पूरी तरह से। CEO तब तक सफल नहीं होता जब तक उसकी टीम मजबूत न हो।
प्र. ‘शुद्ध मंडल’ का मतलब केवल नैतिकता है?
उत्तर: नहीं। इसमें योग्यता, ईमानदारी, चरित्र और जिम्मेदारी सभी शामिल हैं।
पाठकों के लिए सुझाव
- निर्णय लेने से पहले अपनी टीम का मूल्यांकन करें।
- चापलूसी से बचें, आलोचना को रास्ता दें।
- ऐसे लोगों को चुनें जो सच्चाई बोलने की हिम्मत रखते हों।
- नेतृत्व में सबसे बड़ा निवेश सही सहकर्मी हैं।