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प्राचीन भारतीय दरबार में राजा और मंत्री |
कामंदकी नीतिसार के अनुसार प्रशासन में योग्यता का महत्व। नीति शास्त्र आधारित चयन प्रणाली का विश्लेषण
Table of Contents
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परिचय: योग्यता आधारित प्रशासन की आवश्यकता
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कामंदकी नीतिसार में योग्यता की अवधारणा
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प्रशासनिक पदों के लिए आवश्यक गुण
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वंशवाद और पक्षपात का निषेध
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नैतिक अनुशासन और प्रशिक्षण
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आधुनिक उदाहरण: UPSC और सिंगापुर मॉडल
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निष्कर्ष
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. परिचय: योग्यता आधारित प्रशासन की आवश्यकता
प्रशासनिक दक्षता और नैतिकता किसी भी राष्ट्र की स्थिरता के दो मजबूत स्तंभ होते हैं। कामंदकी नीतिसार जैसे नीति ग्रंथों में योग्यता आधारित चयन प्रणाली की आवश्यकता को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। आज के लोकतांत्रिक युग में यह सिद्धांत और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है।
2. कामंदकी नीतिसार में योग्यता की अवधारणा
कामंदकी नीतिसार, एक महत्वपूर्ण नीति ग्रंथ है जो कौटिल्य के अर्थशास्त्र के बाद शासन, राजनीति और प्रशासन के उच्चतम आदर्शों को प्रस्तुत करता है। इसमें कहा गया है:
"अभ्यस्तकर्मणस्तज्ज्ञान शुचीन सुज्ञानसम्मतान ।कुर्यादुद्योगसम्पन्नानध्यक्षान् सर्वकर्मसु ।।"
अर्थात् — अधिकारियों की नियुक्ति योग्य, शुद्धाचारी, ज्ञानी और उद्योगशील व्यक्तियों में ही की जानी चाहिए।
3. प्रशासनिक पदों के लिए आवश्यक गुण
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ज्ञान और शिक्षा: नीति, प्रशासन और संविधान का गहरा ज्ञान
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नैतिकता: सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता
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अनुभव: निर्णय-क्षमता और व्यावहारिक प्रशासनिक अनुभव
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विनम्रता व उत्तरदायित्व
4. वंशवाद और पक्षपात का निषेध
कामंदकी स्पष्ट रूप से कहता है कि पक्षपात, भाई-भतीजावाद और वंश परंपरा के आधार पर नियुक्तियाँ प्रशासन में विफलता का कारण बनती हैं। योग्य व्यक्ति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
5. नैतिक अनुशासन और प्रशिक्षण
एक योग्य प्रशासक केवल ज्ञान से नहीं, बल्कि अपने नैतिक व्यवहार, सेवा-भावना और अनुशासन से शासन की आत्मा बनता है।
6. आधुनिक उदाहरण: UPSC और सिंगापुर मॉडल
🇮🇳 UPSC – भारत का योग्यता आधारित चयन मॉडल
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पारदर्शी प्रक्रिया
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प्रतियोगी परीक्षाएँ
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निष्पक्ष साक्षात्कार
🇸🇬 सिंगापुर मॉडल
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कड़ी शैक्षणिक और नैतिक जांच
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कार्य-दक्षता का मूल्यांकन
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नेतृत्व क्षमता आधारित
7. निष्कर्ष
कामंदकी नीतिसार का योग्यता आधारित चयन सिद्धांत केवल प्राचीन दर्शन नहीं, बल्कि आधुनिक प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ है। जब राष्ट्र केवल योग्य, नैतिक और अनुभवी लोगों को सत्ता सौंपता है, तभी सुशासन संभव होता है।
“योग्यता ही शासन की दिशा और स्थिरता को निर्धारित करती है।”
8. FAQs
Q1. कामंदकी नीतिसार में कौन-कौन से प्रशासनिक गुण बताए गए हैं?
उत्तर: ज्ञान, नैतिकता, अनुभव और कर्तव्यपरायणता।
Q2. क्या आधुनिक लोकतंत्रों में यह सिद्धांत लागू होता है?
उत्तर: हाँ, UPSC और सिंगापुर मॉडल जैसे उदाहरण इस बात को प्रमाणित करते हैं।
Q3. योग्यता आधारित चयन प्रणाली के क्या लाभ हैं?
उत्तर: पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, भ्रष्टाचार में कमी और जनता का विश्वास।
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